प्रभु
नाम की महिमा असीम है । जिसको प्रभु नाम पर विश्वास होता है उसके लिए नाम भगवान सब
कुछ करते हैं । ऐसा कुछ भी नहीं जो प्रभु का नाम नहीं कर सकता क्योंकि नामी प्रभु
ने अपनी समस्त शक्तियों को अपने नाम में स्थापित कर रखा है । इसलिए हमें प्रभु के
नाम पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए और हमें नियमित प्रभु का नाम जप करना चाहिए ।
विपत्ति में तो जरूर करना चाहिए क्योंकि विपत्ति का निवारण इससे ही होता है ।
एक
संत एक कथा सुनाते थे कि एक विदेशी एक बंदूक लेकर बस में सफर कर रहा था । बस एक
गांव में रुकी । बस को आधा घंटा रुकना था तो वह विदेशी भी अपनी बंदूक लेकर टहलने
के लिए बस से उतर गया । उसने भारत के संतों के विषय में काफी सुन रखा था । वहाँ
गांव में उसे एक संत माला जपते हुए मिले । उस विदेशी ने उस संत के पास जाकर पूछा
कि यह क्या कर रहे हैं । संत ने माला दिखाकर कहा कि मैं प्रभु का नाम जप रहा हूँ ।
उस विदेशी ने पूछा कि इससे क्या होता है । संत सच्चे थे और उनके मन में आया कि
विदेशी को प्रभु नाम का प्रभाव दिखाना चाहिए । संत ने विदेशी की बंदूक की तरफ इशारा
करके पूछा इससे क्या होता है । विदेशी ने तुरंत उस वृक्ष जिसके नीचे संत बैठे थे
उस वृक्ष पर बैठे एक पक्षी पर निशाना लगाया और गोली चला दी । गोली लगते ही पक्षी मृत
होकर नीचे गिर गया । विदेशी ने गर्व कहा कि बंदूक से यह होता है । अब संत की बारी
थी । उन्होंने अपने कमंडल से जल लिया और प्रभु नाम का उच्चारण करते हुए जल को मृत पक्षी
पर छोड़ा । पक्षी तुरंत जीवित हो गया और उड़ गया । संत ने विदेशी से कहा कि प्रभु
नाम से यह होता है । विदेशी भौचक्का रह गया और संत के चरणों में गिर पड़ा । उसने
अपनी बंदूक का त्याग कर दिया और संत से प्रभु नाम की दीक्षा ले ली ।