जब हम प्रभु पर भरोसा रखते हैं तो प्रभु हमारी
हर अवस्था में रक्षा करते हैं । हम ही जीवन में प्रभु पर भरोसा नहीं रख पाते और
विपत्ति में फंसते हैं । प्रभु हर उस जीव पर कृपा और उसकी
रक्षा करते हैं जो उन पर अटूट विश्वास और भरोसा रखता है ।
एक संत एक कथा सुनाते थे । एक छोटी चिड़िया थी जिसने
10-12 दिनों की मेहनत से एक पेड़ पर घोंसला बनाया था । जब वह पहली बार घोंसला तैयार होने के बाद उसमें विश्राम करने के लिए गई तभी
जोरदार तूफान आया और उसका घोंसला बिखर गया और उसे उड़ना पड़ा । उसने प्रभु को उलाहना
दी कि प्रभु ने तूफान भेजकर उसकी 10-12 दिनों की मेहनत बेकार कर दी । तभी उसे आकाशवाणी सुनाई दी और प्रभु ने कहा कि जब तुम विश्राम के लिए घोंसले में गई तो एक सांप पेड़ पर
चढ़कर तुम्हें खाने के लिए आ रहा था । इसलिए मैंने तूफान भेजा था कि घोंसला बिखर
जाए और तुम उड़ जाओ जिससे तुम्हारी रक्षा हो जाए । चिड़िया के
मन में अब प्रभु के लिए उलाहना की जगह धन्यवाद का भाव भरा हुआ था । प्रभु उन सभी जीवों की रक्षा करते हैं जो उन पर पूर्ण भरोसा और विश्वास करते हैं ।