प्रभु को अपने प्रिय भक्तों की भरपूर चिंता होती
है और प्रभु उनकी रक्षा करने में और उनका मंगल करने में कोई कसर नहीं छोड़ते । बस
हमें प्रभु पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए और विपत्ति में चिंता नहीं बल्कि प्रभु का
चिंतन करना चाहिए ।
एक हवाई जहाज में बहुत यात्रियों के बीच करीब 10
वर्ष की एक नन्हीं बच्ची सफर कर रही थी । अचानक मौसम बदला और हवाई जहाज डगमगाने
लगा । सभी यात्री चिंतित हो गए और प्रभु को याद करने लगे क्योंकि उन्हें मौत का डर
लग रहा था । पर वह बच्ची शांत रहकर मुस्कुरा रही थी । करीब आधे घंटे तक भयंकर
तूफान में डगमगाने के बाद जब पायलट ने घोषणा की कि आप हम खतरे से बाहर निकल गए तो
सभी ने राहत की सांस ली । बगल में बैठे एक व्यक्ति ने उस 10 वर्षीय मुस्कुराती हुई बच्ची को पूछा कि क्या तुम्हें डर नहीं लगा क्योंकि तुम तो पूरे समय
मुस्कुरा रही थी । बच्ची ने बड़ा मार्मिक जवाब दिया कि हवाई जहाज चलाने वाले पायलट
मेरे पिताजी हैं और उन्हें पता है कि उनकी बेटी प्लेन में बैठी है तो वह अपनी बेटी
की सुरक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे । ऐसा विश्वास विपत्ति काल में हमें भी
परमपिता प्रभु पर होना चाहिए कि उनके होते हमारा बाल भी बाँका नहीं होगा ।